लेखनी कहानी -17-Oct-2022# धारावाहिक लेखन प्रतियोगिता # त्यौहार का साथ # करवा चौथ
करवाचौथ:--
हिंदू धर्म के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि जो स्त्री अपने पति के लिए व्रत नहीं रखती है, उसकी आयु कम हो जाती है। क्योंकि ऐसा ही कुछ पौराणिक कथाओं में दिखाया और दर्शाया गया है और उसमें इस बात का जिक्र भी किया गया है कि किस तरह से स्त्री के द्वारा व्रत ना करने से उसकी पति की मृत्यु हो जाती है।
अगले ही दिन जैसे ही वह व्रत करती है, उसका पति जी उठता है। तो यही मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इसे पूरी श्रद्धा भाव के साथ निभाया जाता है।
करवा चौथ के दिन उपवास रखा जाता है। यह व्रत केवल शादीशुदा विवाहित महिलाएं ही रखती हैं क्योंकि यह व्रत बहुत ही पवित्र माना जाता है। करवा चौथ को बहुत ही पालन और नियमों के साथ किया जाता है।
इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले भोजन कर लेती है, जिसे सरगी कहा जाता है। व्रत के दौरान ना तो महिला पानी पी सकती है और ना ही कुछ खा सकती है। करवा चौथ के व्रत की कथा सुनी जाती है। पूजा के दौरान सभी महिलाएं एक नई नवेली दुल्हन की तरह सजती है। पूरा सोलह सिंगार करती हैं जैसे सुंदर साड़ी, चूड़ियां, टीका, बिंदी, नथनी, सभी प्रकार के गहने पहनती हैं।
करवा चौथ में कुछ सामग्रियों की भी आवश्यकता होती है, जो कि महत्वपूर्ण होती है। जैसे मिट्टी का मटका, मटके को गणेश जी का रूप भी माना जाता है। धातु का कलश जैसे कि लोटा और उसमें स्वच्छ पानी भरा जाता है।
कहानी:-
एक समय की बात है। सात भाइयों की एक बहन थी, जिसका नाम था वीरवती। वह सात भाइयों में एकलौती थी, इसीलिए वह सभी भाइयों को बहुत ही प्रिय थी। उसकी शादी के पश्चात पहला करवा चौथ का व्रत पड़ा। पहला होने की वजह से उसका यह व्रत माता पिता के घर में ही मनाया गया। परंतु वीरवती को यह ज्ञात नहीं था कि यह व्रत कठिन होता है।
इसके पश्चात जब वीरवतीको भूख और प्यास तड़पाने लगी। तब वह बाहर जाकर इधर उधर चांद को ढूंढने लगी। परंतु उसे चांद नहीं दिखा। वीरवती को देख उसके भाई विचलित हो उठे, जिसकी वजह से उन्होंने पीपल के पेड़ पर छाया बनाई और ऐसा प्रतीत किया कि मानो चांद निकल आया।
अपनी बहन को कहा कि चांद निकल आया है। पूजा करके व्रत खोल लो, परंतु उनकी भाभियों ने मना किया कहा कि चांद नहीं निकला है। परंतु वह नहीं मानी और चांद की पूजा कर ली और खाना खाने बैठ गई।
जैसे ही वह खाना खाने बैठी, पहला निवाला लेते ही उनके सेवकों ने आकर उन्हें यह सूचना दी कि उनके पति की मृत्यु हो गई है। जैसे ही उन्होंने यह सूचना सुनी वह परेशान हो गई और रोने लगी जब रात को रोते रोते सो गई।
तब सपने में देवी प्रकट हुई और उन्होंने कहा कि अगर तुम पूरी लगन और श्रद्धा के साथ करवा चौथ का व्रत रखोगे तो तुम्हारा पति जी जाएगा। तत्पश्चात वीरवती द्वारा वह व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ रखा गया। इससे यम भी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने प्रसन्न होकर उसके पति को जीवनदान दिया।
इस कहानी को करवा चौथ के दिन सुना जाता है और हमें यह बताया जाता है कि अगर हम करवा चौथ का व्रत रखते हैं तो उसे पूरी लगन और श्रद्धा के साथ रखना चाहिए अन्यथा इसका फल अच्छा नहीं होता है।
आँचल सोनी 'हिया'
20-Oct-2022 12:03 AM
Bahut khoob 💐👍
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Renu
18-Oct-2022 11:31 PM
👍👍🌺
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Palak chopra
18-Oct-2022 11:06 PM
Bahut khoob 🙏🌺💐
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